एक गर्मी की शाम, एक महीने की छुट्टियों में, दो अजनबी लोगों की नज़रें एक दूसरे से टकराई। यह घटना एक सुंदर गुलाबी बाग़ के आस-पास हुई।
पहली नज़र में ही दोनों को एक दूसरे में आकर्षण हुआ। युवती का नाम आरोही था और युवक का नाम विवेक। उनके बीच की मुलाक़ात हुई और समय गुज़रने लगा।
वह दोनों दिन भर एक साथ बिताने लगे, गुलाबी बाग़ में सैर करते, भव्य पेड़ों के नीचे बैठते, और प्रकृति के सौंदर्य को देखते। उनके बीच एक मिठास भरी मुस्कान थी और वे एक दूसरे की आँखों में खो जाते थे।
वक़्त के साथ, उनकी दोस्ती प्यार में बदल गई। विवेक ने आरोही के लिए खास गीत गाया और आरोही ने उसे खास बनाने के लिए एक पिताश्री रंगीन ख़ुराने दिया।
एक रोमांटिक रात, जब चाँदनी और सितारे चमक रहे थे, विवेक ने आरोही के सामने धीरे से घुटने टेके और उसे प्यार से देखा। उसने अपनी आवाज़ में कहा, "तुम मेरी दुनिया की रानी हो। मैं तुम्हारे बिना अधूरा हूँ। क्या तुम मेरी ज़िंदगी का हिस्सा बनना चाहोगी?"
आरोही की आंखें भर आईं और वह मुस्कानी बोली, "हाँ, विवेक, मैं तुम्हारी ज़िंदगी का हिस्सा बनना चाहती हूँ। हम साथ में हमेशा ख़ुश रहेंगे।"
यह रोमांटिक प्रपोज़ल दोनों के लिए एक नयी शुरुआत थी, जहां प्यार और ख़ुशियाँ उबर-उबरकर भर गईं। विवेक और आरोही एक दूसरे के साथ वचनबद्ध हुए और उनकी रोमांटिक प्रेम कहानी ने आगे बढ़ते हुए उन्हें अद्वितीय ख़ुशियों का अनुभव कराया।